Polity

प्रशासनिक व्यवस्था

नमस्कार दोस्तों आज के इस post में प्रशासनिक व्यवस्था और उससे संबधित महत्तवपूर्ण तथ्यों को पढ़ने वाले हैं जो exams के दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण है

      प्रशासनिक सुधार आयोग -1996

इसके अध्यक्ष मोरारजी देसाई थे बाद में हनुमत रैय्या को इसका अध्यक्ष बनाया गया 2005 में गठित दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष वीरप्पा मोइली थे। ये दोनों प्रशासनिक सुधार आयोग प्रशासन में सुधार लाने के लिए सिफारिश करने हेतु किये गए थे। केंद्र राज्य संबंधों में सुधार लाने के लिए नहीं लेकिन दोनों आयोगों ने केंद्र राज्य संबंधों पर कुछ सिफारिशें की। 

सीतलवाड़ समिति 1966-1969 (केंद्र+राज्य संबंध)

  • राज्यमन्नार आयोग -1969

इसका गठन तमिलनाडु सरकार ने किया था किसी राज्य सरकार द्वारा केंद्र राज्य संबंधों पर गठित किया जाने वाला यह पहला आयोग था। इसी आयोग ने राज्यपाल के पद को समाप्त करने की सिफारिश की थी 

आनन्दपुर साहिब प्रस्ताव- 1980

यह आयोग केंद्र और पंजाब राज्य के संबंधों को लेकर गठित किया गया था। 

  • सरकारिया आयोग-

इसका गठन 1982ई. में किया गया, रिपोर्ट 1988 में दिया। केंद्र राज्य संबंधों पर गठित होने वाला यह सबसे लोकप्रिय आयोग है। इसी आयोग ने यह सिफारिश की थी कि- 

राज्यों में अनुच्छेद 356 का प्रयोग अंतिम विकल्प के रूप में किया जाए। जब समझाने और धमकी देने से भी न माने तब इसका प्रयोग किया जाए। 

राज्यपाल ऐसे व्यक्ति को बनाया जाय जो राजनीतिक  छवि वाला न हो वह प्रशासनिक या सैनिक साख वाला कोई रिटार्ड अधिकारी होगा। 

 

मदन मोहन पुंछी आयोग- 2007-2010 व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता[  भाग-14 अनुच्छेद 301-307 ]

 

राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और आपसी मेलजोल की आपसी स्वतंत्रता बनी रहेगी लेकिन आवश्यक वस्तु  आपूर्ति जैसे- अधिनियम के अन्तर्गत इस स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। 

दो या दो से अधिक राज्यों के कहने पर राष्ट्रपति संयुक्त राज्य लोकसेवा आयोग का गठन करता है। 

नियुक्ति- अनु. 316      

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सदस्य की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सदस्य की नियुक्ति भी राष्ट्रपति करता है लेकिन राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सदस्य को राज्यपाल करता है। 

पदावधि
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सदस्य की पदावधि 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होती है राज्य लोकसेवा आयोग और संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सदस्य की पदावधि 6 या 62 वर्ष  की आयु तक होती है

हटाया जाना या पदरिक्ति-317

असमर्थता या भ्रष्टाचार की स्थिति में न्यायालय की सिफारिश पर तीनों लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों और सदस्यों को राष्ट्रपति हटा सकता है। 

वेतन

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य का वेतन भारत की संचित निधि पर भारित व्यय होगा ।
             

रिटायर होने के बाद 

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को किसी लाभ के पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकेगा लेकिन राज्य लोक सेवा आयोग अध्यक्ष और सदस्य को रिटायर होने के बाद संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष व सदस्य बनाया जा सकता है। 

      लोक सेवा आयोग के कार्य अनु. 320 

  1. लोक सेवकों की भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करना। 
  2. लोक सेवकों के स्थानान्तरण छुट्टी, पदोन्नित इत्यादि के संबंद में सिफारिश करना। 

लोक सेवा आयोग एक सलाहकारी संस्था है यह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति/राज्यपाल को देता है। यदि राष्ट्रपति ने लोक सेवा आयोग की सिफारिश को नहीं माना है तो उन्हें इसका कारण संसद को बताना होगा। 

 प्रशासनिक अधिकरण-

 42वें संशोधन के द्वारा 323(क) के अंतर्गत प्रशानिक अधिकरणों की स्थापना का प्रावधान किया गया। 1985 में राजीव गांधी की सरकारी ने प्रशासनिक अधिकरणों की स्थापना कर भी दी। ये प्रशासनिक अधिकरण अधिकारियों और कर्मचारियों के अधिकार नौकरियों से संबंधित मुकदमों की सुनवाई करते है लेकिन-  न्यायालय सचिवालय और सेना के कर्मचारियों के मुकदमों की सुनवाई नहीं कर सकते।

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