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राष्ट्रवाद

राष्ट्रवाद

राष्ट्रवाद की परिभाषा

राष्ट्रवाद की परिभाषा और अर्थ को लेकर व्यापक चर्चाएं होती रही है प्रोफेसर स्नाइडर ने राष्ट्रवाद की परिभाषा में

कहा है की इतिहास के एक विशेष चरण पर राजनीतिक आर्थिक सामाजिक व बौद्धिक कारणों का एक उत्पाद

राष्ट्रवाद एक परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र में निवास करने वाले ऐसे व्यक्तियों के समूह की एक मनः सथिति

अनुभव या भावना है जो सम्मान की भाषा बोलते हैं  जिनके पास एक ऐसा साहित्य है जिसमें राष्ट्र की

अभिलाषाएं अभिव्यक्त हो चुकी है जो समान परंपराओं वा समान रीतिरिवाजों से संबंध है जो अपने दीर्घ पुरुषों

की पूजा करते हैं और कुछ स्थिति में समान धर्मों वाले हैं यह एक आगामी संकल्पना है जिसका विकास पुनर्जागरण के बाद यूरोप में राष्ट्रों के रुप में हुआ है

राष्ट्रवाद का उदय

राष्ट्रवाद का उदय 18 वी और 19 वी सदी के यूरोप में हुआ था लेकिन आपने केवल दो ढाई सौ साल पुरानी

ज्ञात इतिहास के बाद भी यह विचार बेहद शक्तिशाली और टिकाऊ साबित हुआ है राष्ट्रवाद के प्रतिपदक जान

गॉट फ्रेड फ्रेड हलंदर थे जिन्होंने 18 वी शताब्दी में पहली बार इस शब्द का प्रयोग करके जर्मन राष्ट्रवाद की नीव डाली उस समय यह तो यहाँ सिद्धांत दिया गया की राष्ट्र केवल समान भाषा नस्ल धर्म या क्षेत्र से बनता है

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