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Important Facts Of Biology

Important Facts Of Biology

यहां हम जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण भाग को पढ़ने वाले हैं जो कि सभी परीक्षाओं के  दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण रहेगा यदि आप SSC CHSL, Relway Group D, NTPC, और अन्य किसी भी प्रकार के ONE DAY EXAMS की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए अत्यंत उपयोगी है

Nuturients (पोषक पदार्थ)

* पोषक पदार्थ रासायनिक संगठन के आधार पर निम्न प्रकार के होते हैं

1) कार्बोहाईड्रेट, 2) प्रोटीन, 3) वसा, 4) विटामिन, 5) खनिज लवण, 6) जल

* खनिज एवं जल तत्व अकार्बनिक होते हैं शेष कार्बनिक है

  • कार्बोहाइड्रेट एवं वसा शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं
  • प्रोटीन शरीर की मरम्मत एवं निर्माण के लिए आवश्यक होता है
  • विटामिन एवं खनिज तत्वों का कार्य शरीर की रोगों से सुरक्षा करना है

Carbohydrates (कार्बोहाईड्रेट)

  • 1:2:1 के अनुपात में कार्बन, हाइड्रोजन व ऑक्सीजन का यौगिक है
  • शहद एवं मीठे फलों में फ्रक्टोज नाम की शर्करा पाई जाती है
  • ग्लाइकोजन मानव के यकृत में संचित होने वाली शर्करा है
  • माल्टोज अंकुरित बीजों, सुक्रोज गन्ने में तथा लैक्टज दूध में पाई जाने वाली शर्करा है
  • मां के दूध में लैक्टोज की सर्वाधिक मात्रा होती है

Protein (प्रोटीन)

  • यह नाइट्रोजन युक्त जटिल पदार्थ है
  • प्रोटीन शब्द बरजीलियस ने दिया
  • सोयाबीन, मछली, दाल, अंडा, मटर, सेम, पनीर आदि प्रोटीन के स्रोत है
  • केसिन दूध में पाए जाने वाली प्रोटीन है
  • केराटिन प्रोटीन त्वचा नाखून के निर्माण में सहायक होती है

Fat (वसा)

  • यह कार्बन , हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बने होता हैं
  • क्लोरोफॉर्म, बेंजीन, पैट्रोलियम आदि कार्बनिक विलायक में घुलनशील होता है जबकि जल में घुलनशील होता है
  • इसका मुख्य कार्य शरीर के निश्चित ताप को बनाए रखना और ऊर्जा उत्पादन करना होता है

Vitamin (विटामिन)

  • विटामिन शब्द का प्रतिपादन फंक ने किया
  • इसका मुख्य कार्य शरीर की रोगों से रक्षा करना
  • घुलनशील के आधार पर विटामिन दो प्रकार के होते हैं

* जल में घुलनशील विटामिन – B एवं C 

* वसा में घुलनशील विटामिन – A,D,E एवं K

  • त्वचा में उपस्थित इर्गेस्टीरॉल  को सूर्य की किरणें विटामिन डी में परिवर्तित कर देती हैं
  • शरीर विटामिन D एवं K का संश्लेषण कर सकता है

वसा में घुलनशील विटामिन

विटामिन           कमी का प्रभाव

A(रेटिनॉल)           रतौंधी

D(कैल्सीफेराल)     सूखा रोग

E(टोकोफेराल)       जनन क्षमता में कमी

K (नैफ्थोक्वीनोन)  थक्का न जमने से रुधिर का स्राव

जल में घुलनशील विटामिन

B1( थायमीन)               बेरी-बेरी

B2 (राइबोफ्लेविन)          किलोसिस

B3 (निकोटिनिक अम्ल)      पेलाग्रा

B5 ( पैंटोथीनिक)              चर्म रोग

B6 (पायरोडॉक्सीन)           रक्तक्षीणता

H( बायोटिन)                    बालो का झरना

C(एस्कोरबिक अम्ल)            स्कर्वी रोग

खनिज तत्व

  • कैल्शियम फास्फोरस पोटेशियम सोडियम आदि की अधिक मात्रा में शरीर के लिए आवश्यकता होती है
  • एनीमिया रोग आयरन की कमी से तथा घेंघा रोग आयोडीन की कमी से होता है

Water (जल)

  • जल एक अकार्बनिक पदार्थ है यह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बना होता है
  • 65 से 75% तक मानव शरीर में इसकी मात्रा पाई जाती है

Blood (रुधिर)

  • यह एक तरल संयोजी उत्तक है
  • मनुष्य के शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार की लगभग 7-8 प्रतिशत होती है
  • स्वस्थ मनुष्य के शरीर में 5 से 6 लीटर तक रक्त पाया जाता है
  • यह एक क्षारीय विलयन है जिसका pH मान 7.4 होता है
  • इसकी उत्पत्ति भ्रूण के मीलोडर्म से होती है

* इसकेे दो प्रमुख घटक है

1) रुधिराणु।    2) प्लाज्मा

Blood Corpuscles (रुधिराणु)

  • R.B.C या इरिथ्रोसाइट( इसका मुख्य कार्य शरीर की प्रत्येक कोशिका में ऑक्सीजन पहुंचाना और कार्बन डाइऑक्साइड को वापस लाना होता है इसका निर्माण हस्थीमज़जा में होता है और जीवन काल 120 दिन का होता है प्लीहा को RBCs का कब्र गाह कहते है इसमें हीमोग्लोबिन पाया जाता है)
  • W.B.C या ल्यूकोसाइट (इसका मुख्य कार्य रोगों के संक्रमण से बचाना है रोगी अवस्था में इनकी संख्या अधिक होती है WBCs एवम RBCs का अनुपात 600:1 होता है)
  • रुधिर प्लेट्स या थ्रोंबोसाइट( इसका मुख्य कार्य रक्त का थक्का बनाने में मदद करता है इसका जीवनकाल 3 से 5 दिन का होता है और इसका निर्माण हस्थीमज्जा में और मृत्यु प्लीहा में होती है

Blood Group (रक्त समूह)

  • इसकी खोज कार्ल लैंडस्टीनर ने किया था
  • एंटीजन RBCs में तथा एंटीबॉडी प्लाज्मा में पाए जाते है
  • एंटीजन के आधार पर मनुष्य में चार प्रकार के रक्त समूह पाए जाते हैं A, B,AB,और O
  • रक्त समूह AB को सर्वग्राही कहते हैं क्योंकि इसमें कोई भी एंटीबॉडीज नहीं होता है
  • रक्त समूह O को सर्वदाता रक्त समूह कहते हैं क्योंकि इसमें कोई एंटीजन नहीं होता है
  • यदि पिता का रक्त Rh+ve हो तथा माता का Rh-ve हो तो जन्म लेने वाले शिशु की गर्भावस्था या जन्म जन्म लेने के तुरंत बाद मृत्यु हो जाती है ऐसी स्थिति आमतौर पर प्रथम संतान के जन्म के बाद आती है

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