Governors General & Viceroy Of India
इस पोस्ट में आधुनिक भारत के इतिहास के महत्वपूर्ण भाग Governor General Of India को पढ़ने वाले हैं तो आइए सभी को क्रमानुसार देखते हैं
भारत के गवर्नर जनरल: भारत पर शासन करने वाले अंग्रेजों का यह एक महत्वपूर्ण पद था जो कि आगे चलकर गवर्नर जनरल से वायसराय मैं बदल गया 1828 ईस्वी के पहले इस पद को बंगाल का गवर्नर जनरल के रुप मे जाना जाता था बंगाल का अंतिम गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक था
लॉर्ड विलियम बैंटिंग [1828-35]
- यह भारत का प्रथम गवर्नर जनरल थे सामाजिक सुधारों के अंतर्गत बैटिंग का मुख्य कार्य 1829 ईस्वी में सती प्रथा का अंत करना है।
- इन्होंने कर्नल स्लीमन और स्थानीय रियासतों की मदद लेकर ठगी प्रथा समाप्त की तथा 1830 ईसवी में बाल हत्या पर प्रतिबंध लगा दिया।
- इसके समय में मैकाले की सिफारिश पर अंग्रेजी शिक्षा का माध्यम को स्वीकार कर लिया गया।
लॉर्ड चार्ल्स मेटकॉफ [1835-36]
- इसने प्रेस एक्ट 1835 जिसके तहत भारतीय समाचारों पर आरोपित नियंत्रण पर या प्रतिबंध को समाप्त कर दिया गया।
- इसलिए इसे भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता कहा जाता है
आक लैण्ड प्रथम [1836-42]
- इस के शासनकाल में प्रथम ब्रिटिश अफगान युद्ध हुआ था जिसमें अंग्रेजों को पराजय का सामना करना पड़ा और भारी नुकसान भी हुआ ।
- इसने विभिन्न सरकारी स्कूलों में अनेक छात्रवृत्तियां प्रारंभ की और सभी प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षा का माध्यम उस क्षेत्र की प्रादेशिक भाषा को रखा गया।
लार्ड एलनबरो [1842-44]
- इसने सुधारों के रूप में उत्पाद कर से बहुत वस्तुओं को मुक्त करना तथा नमक पर वसूली जाने वाले कर की राशि को आधा करना शामिल था।
लार्ड हार्डिंग [1844-48]
- इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना आंग्ल सिख युद्ध (1845 से 46) जिसमें अंग्रेजी सेना ने लाहौर पर अधिकार कर लिया और लाहौर की संधि थोप दी।
लार्ड डलहौजी [1848-56]
- द्वितीय सिख युद्ध (1848 से 49) ईसवी तथा पंजाब का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय इसी के समय हुआ
- डलहौजी ने सिक्किम पर अंग्रेज डाक्टरों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर अधिकार कर लिया
- इसी के समय में राज्य हड़प नीति के कारण झांसी नागपुर सातारा आदि राज्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर साथ ही अवध पर भी कब्जा कर लिया।
- डलहौजी द्वारा सर्वप्रथम सातारा राज्य को अंग्रेजी राज्य में मिलाया गया
- सैन्य सुधारों के लिए डलहौजी ने तोपखाने का मुख्यालय कोलकाता से मेरठ स्थानांतरित कर दिया तथा सेना का मुख्यालय शिमला में स्थानांतरित किया
- शिक्षा संबंधी सुधारों में डलहौजी ने वुड डिस्पैच लागू किया।
- रुड़की का इंजीनियरिंग कॉलेज आई आई टी ई सी के समय में बना था
- डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक कहा जाता है इसी के समय में मुंबई से थाने के बीच 1853 ईस्वी में पहली ट्रेन चलाई गई थी।
- डाक विभाग में सुधार के लिए डलहौजी ने 1854 ईसवी में पोस्ट ऑफिस एक्ट पास किया था तथा पहली बार भारत में डाक टिकटों का प्रचलन प्रारंभ किया गया था।
- डलहौजी ने शेरशाह सूरी द्वारा बनवाई गई ग्रैड ट्रंक रोड का निर्माण कार्य का कार्य आगे शुरू किया या पूरा किया।
- व्यापारिक सुधारों के अंतर्गत डलहौजी ने भारत के बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए खोल दिया तथा कराची कोलकाता मुंबई के बंदरगाहों को आधुनिक बनाने का प्रयास किया।
- भारत में प्रथम बार टेलीग्राफ लाइन कलकत्ता से आगरा के बीच शुरू करवाई (1853 ई में)
- शिमला को ग्रीष्म कालीन राजधानी बनावाया गया।
भूमि सुधार
स्थायी बंदोबस्त
- 1793 ईस्वी में लार्ड कार्नवालिस ने बंगाल बिहार उड़ीसा में स्थाई बंदोबस्त लागू किया आगे चलकर यह व्यवस्था बनारस तथा मद्रास के उत्तरी जिले में भी लागू कर दिया गया
- इसके द्वारा जमीदारों को भूमि का मालिक बना दिया गया ।
- इसके अंतर्गत लगान वसूली का 10/11 भाग कंपनी को तथा 1/11 भाग जमीदारों का होता था इसी तरह किसान अब जमीदारों पर आश्रित हो गए।
रैयतवाड़ी व्यवस्था
- यह व्यवस्था मुंबई तथा मद्रास में लागू की गई थी इस व्यवस्था के अंतर्गत सरकार किसानों से उपज का 50% प्राप्त करती थी इससे किसान भूमि के स्वामी ना बन सके।
- राज्य (अंग्रेज ) भूमि का स्वामित्व रखता था राज्य भू राजस्व में वृद्धि कर सकता था।
महालवाड़ी व्यवस्था
- 1822 ई में यह व्यवस्था गंगा की घाटी उत्तर पश्चिमी प्रांत तथा मध्य भारत के कुछ भागो और पंजाब में लागू की गई थी।
- इसमें एक निश्चित समय के लिए भू राजस्व निर्धारित किया जाता था कुछ गांव को मिलाकर महाल बनता था जमीदारों को केवल भू राजस्व एकत्रित करने का अधिकार था
वायसराय | समय | प्रमुख घटनाएं |
लॉर्ड केनिंग | 1856-62 | यह भारत का अंतिम गवर्नर जनरल तथा प्रथम वायसराय था इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना 1857 का स्वतंत्रता संग्राम था। इन्होंने राज्य विलय की नीति को समाप्त कर दिया
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लॉर्ड एल्गिन | 1862-63 | वहाबी आंदोलन का दमन इन्हीं के द्वारा किया गया था |
सर जॉन लारेंस | 1863-69 | 1865 ईस्वी में इसके द्वारा भारत एवं यूरोप के बीच प्रथम समुद्री टेलीग्राफ सेवाएं शुरू की गई |
लॉर्ड मेयो | 1869-72 | मेयो ने भारत में वित्तीय विकेंद्रीकरण की नीति की शुरुआत की थी तथा आयकर की दर एक परसेंट से बढ़ाकर ढाई परसेंट कर दिया इसने कृषि विभाग तथा भारतीय सांख्यिकी सर्वेक्षण विभाग की स्थापना की पहली बार भारत में जनगणना 1872 ईसवी में इसी के काल में हुई थी |
लॉर्ड नार्थबुक | 1872-76 | इस के समय में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा था पंजाब का प्रसिद्ध कूका आंदोलन नार्थ बुक के समय हुआ था इस के समय में प्रिंस ऑफ वेल्स भारत आया था |
लॉर्ड लिटन | 1876-80 | लॉर्ड लिटन एक प्रसिद्ध उपन्यासकार निबंधकार एवं साहित्यकार था इस के समय में मुंबई मद्रास हैदराबाद पंजाब तथा मध्य भारत में भयानक अकाल पड़ा था जिसमें 50 लाख व्यक्ति मरे थे। लिटन ने 1 जनवरी 1877 ईस्वी में ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को केसर ए हिंद की उपाधि से सम्मानित करने के लिए दिल्ली में भव्य दिल्ली दरबार का आयोजन किया था। इसी के समय में वर्नाकुलर प्रेस अधिनियम पारित किया गया जिसके तहत भारतीय समाचार पत्र पर कठोर प्रतिबंध लगा दिया गया। भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित हुआ जिसके तहत बिना लाइसेंस की कोई व्यक्ति न तो शस्त्र रख सकता है और ना ही इसका व्यापार कर सकता है। |
लॉर्ड रिपन | 1880-84 | अपने सुधार कार्य के लिए के अंतर्गत वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को समाप्त कर दिया तथा स्थाई स्वशासन की शुरुआत की। 1881 ईस्वी में भारत में नियमित जनगणना की शुरुआत हुई जो तब से लेकर अब तक 10 वर्ष के अंतराल पर की जाती है। लॉर्ड रिपन ने फैक्ट्री अधिनियम के तहत बाल श्रम पर रोक लगाई। इसी के शासनकाल के दौरान चर्चित इल्बर्ट विधेयक पास किया गया था इस विधेयक में भारतीय न्यायाधीशों को यूरोपीय के मुकदमे को सुनने का अधिकार दिया गया। इस बिल की अंग्रेजों द्वारा कूट आलोचना हुई और रिपन को वापस बुला लिया गया। |
लॉर्ड डफरिन | 1884-88 | डफरिन के समय में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(1885) की स्थापना की गई थी। |
लॉर्ड लैंसडाउन | 1888-94 | भारत और अफगानिस्तान के बीच सीमा का निर्धारण हुआ था जिसे डूरंड लाइन के नाम से जाना जाता है। |
लॉर्ड एल्गिन | 1894-99 | इस के शासनकाल में मध्य प्रदेश बिहार उत्तर प्रदेश तथा पंजाब में भयंकर अकाल पड़ा है। मुका का विद्रोह इसी के समय में हुआ था चाफेकर बंधुओं द्वारा दो अंग्रेज अधिकारियों की हत्या कर दी गई थी |
लार्ड कर्जन | 1899- 1905 | भारत में सर्वाधिक रेलवे लाइन का निर्माण लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल के दौरान हुआ। ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा के लिए और मरम्मत के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना हुई थी। 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था |
लॉर्ड मिंटो द्वितीय | 1905-10 | आगा खां द्वारा 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई। 1907 ईस्वी में कांग्रेस सूरत अधिवेशन में दो भागों में विभाजित हो गया नरम दल एवं गरम दल। |
लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय | 1910-16 | ब्रिटेन के राज्य जॉर्ज पंचम का भारत आगमन हुआ था 1911 में। दिल्ली में एक भव्य दरबार का आयोजन हुआ था इस दरबार में बंगाल विभाजन रद्द करने की मांग की गई या घोषणा हुई और भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित की गई। 4 अगस्त 1914 ईसवी को प्रथम विश्व युद्ध प्रारंभ हुआ था। बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट ने होमरुल लीग की स्थापना की थी 1916 ई में। |
लार्ड चेम्सफोर्ड | 1916-21 | 1916 ईसवी का रोलेट एक्ट पास हुआ तथा जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 ईस्वी को हुआ था। खिलाफत और असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी। |
लार्ड रीडिंग | 1921-26 | चोरी चोरा की घटना 1922 ईस्वी में हुई थी जिसके कारण महात्मा गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था। काकोरी रेल कांड 1925 ईस्वी इसी के काल में घटित हुई थी। |
लार्ड इर्विन | 1926-31 | 1928 ईस्वी में साइमन कमीशन भारत आया था। 6 अप्रैल 1930 ईस्वी को सविनय अवज्ञा आंदोलन गांधी जी द्वारा इसी के काल के दौरान प्रारंभ किया गया था नवंबर 1930 ईस्वी में लंदन में प्रथम गोलमेज का आयोजन हुआ था। |
लार्ड लिनलिथगो | 1936-40 | इसी के कार्यकाल में पहला आम चुनाव करवाया गया था 1937 ईस्वी में चुनाव के परिणाम राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के पक्ष में थे। 1 सितंबर 1939 ई. को द्वितीय विश्व युद्ध का प्रारंभ हुआ था। 8 अगस्त 1940 ईस्वी की प्रसिद्ध अगस्त प्रस्ताव अंग्रेजों द्वारा इसी के समय लाया गया। 1942 ईस्वी में क्रिप्स मिशन भारत आया तथा 1942 ईस्वी में ही कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन इसी के समय में प्रारंभ है कर दिया था। |
लार्ड वेवेल | 1944-47 | शिमला समझौता हुआ था तथा कैबिनेट मिशन भारत आया था 1946 में। ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लिमेंट एटली ने भारत को जून 1948 ईस्वी में पहले स्वतंत्र करने की घोषणा की |
लॉर्ड माउंटबेटन | 1947-48 | भारत का अंतिम वायसराय तथा स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल जिसने 3 जून 1947 को यह घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान के रूप में भारत का विभाजन होगा। |
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी | 1948-50 | यह स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय और अंतिम गवर्नर जनरल थे इसके बाद भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री बनने लगे |